2 दिन पहले
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मोबाइल नेटवर्क ने वाकई दुनिया मुट्ठी में लाकर रख दी है। हाथ में मोबाइल हो और नेटवर्क पहुंच में हो, तो दूरियों के लिए कोई जगह नहीं बचती। आप कभी भी, कहीं भी कनेक्टेड रह सकते हैं। सोशल मीडिया पर अब दोस्ती बनती भी है और टूटती भी है।
मिनटों में मैट्रिमोनियल साइट पर जहां लोगों को अपना सच्चा हमसफर मिल जाता है तो वहीं डेटिंग साइट पर एक्स्ट्रा मैरिटल रिलेशनशिप या ओपन रिलेशनशिप भी कम नहीं हैं। यहां पलक-झपकते आपको GF और BF मिल जाते हैं।
यह कहानी है टीना और बन्नी की…
अलीगढ़ निवासी जिया की कुछ समय पहले ही टेलीग्राम पर बन्नी से दोस्ती हुई थी। बन्नी एक क्रिप्टो करेंसी से जुड़ी कंपनी में जॉब करता। वे दोनों जल्द दोस्त बने और फिर दोस्ती प्यार में बदल गई। दिक्कत बस यही थी कि बस दोनों मिल नहीं सकते थे।
बन्नी दिल्ली में था, तो जिया अलीगढ़ में। बस जब भी मिलने का तय होता तो बन्नी कोई न कोई बहाना बना देता, लेकिन वीडियो कॉलिंग पर उससे हमेशा कनेक्टेड रहता। कुल मिलाकर उसने जिया को अपने प्यार के पाश में बांध लिया था। जिया अभी-अभी ग्रेजुएट हुई थी और करियर की उड़ान भरने के लिए एकदम तैयार थी।
बन्नी ने एक दिन जिया से कहा कि तुम क्यों न मेरे काम में हाथ बटाओ? इससे हम दोनों मिलकर बाद में अपनी ही फर्म खोल देंगे, बस तुम मुझे अलीगढ़ से क्लांइट दिलवा दो।
बस इतना कहना था कि जिया ने कहा बिल्कुल। बोलो कितने क्लाइंट्स चाहिए?
बन्नी ने कहा, “सौ का टारगेट है मेरा, जो क्रिप्टो करेंसी में इन्वेस्ट कर सकें और मैं उनको बेहतरीन रिटर्न दूंगा। चाहो तो जिया तुम सभी से मेरी बात करवा देना ताकि मैं उन्हें इसके बारे में बता सकूं।”
“पैसा डबल का कहते ही सभी ‘हां’ कर देंगे,” जिया ने उछलते हुए कहा।
“हां जिया और मैं उनको निराश नहीं करूंगा, क्योंकि वह शहर तुम्हारा है।”
अब तो जिया ने सबसे पहले अपने घर वालों को क्रिप्टो करेंसी के फायदे और नुकसान के बारे में बताना शुरू किया और ऐसे करते-करते उसने करीब 40 लोगों की चेन बना दी।
जिया ने ‘हैपी हंड्रेड’ के नाम से ग्रुप बना दिया और उसमें सभी इंटरेस्टेड क्लाइंट को जोड़ लिया। अब उस ग्रुप पर रोजाना गुड मॉर्निंग मैसेज की जगह क्रिप्टो करेंसी के रेट और इसमें पैसा लगाने वाले कैसे रातोंरात करोड़पति हो गए जैसे वीडियो आने लगे। दरअसल, बन्नी यह वीडियोज जिया को सेंड करता और जिया उस ग्रुप पर, ऐसे धीरे-धीरे करके सौ क्लाइंट जुड़ गए।
अब तक इन क्लाइंट्स को क्रिप्टो के इतने फायदे बताए गए कि वे सभी इसमें बड़ी अमाउंट लगाने को तैयार हो गए।
बन्नी ने उस ग्रुप में एक क्लाइंट की तरह ही एंट्री ली ताकि वह जिया के काम को वॉच कर सके। जिया को ही चेहरा बनाया गया। इस ग्रुप में सभी की क्रिप्टो आईडी बनाई गईं, जिससे सभी को यकीन था कि यह फेक नहीं है। सभी क्लाइंटस की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग भी की जाती। करीब एक महीने बाद सभी ने एक दिए गए अकाउंट नंबर पर पैसा भेजना शुरू कर दिया।
हर एक क्लाइंट को पहले 50 हजार का अमाउंट जमा करने को कहा गया। ये कुल 99 क्लाइंट थे, क्योंकि 100वां क्लाइंट तो बन्नी ही था। इसलिए बन्नी को छोड़कर सभी ने स्कैनर से पेमेंट कर दी। इसके बाद बन्नी ने सभी के लिए महंगे गिफ्ट भिजवाए- जैसे राडो की वॉच, तनिष्क के इयररिंग्स, एसिक्स के शू, लुई वितां का हैंडबैग, आईफोन-15 प्रो मैक्स और भी बहुत कुछ।
हर एक क्लाइंट को लगभग 10 हजार तक का गिफ्ट भेजा गया। अब तो सभी क्लाइंट्स इतने खुश थे कि पूछिए मत। हां, जिया को उसने मैकबुक गिफ्ट किया था। जिया अब उसी से काम करती। उसके घरवाले भी जिया की प्रोग्रेस देखकर काफी खुश थे।
इसके बाद तो सभी अपने ज्यादा से ज्यादा पैसे लगाने के लिए बेताब थे। तकरीबन एक महीना रुकने के बाद सभी को दोबारा स्कैनर भेजा गया। किसी ने एक लाख दिए तो किसी ने पांच लाख और ऐसा कर दो करोड़ तक की धनराशि जमा हो चुकी थी।
बन्नी ने इस बीच जिया को डायमंड टॉप्स भेजे। जिया ने उन्हें संभालकर पहली मुलाकात में पहनने के लिए रखा था।
जिया ने वह अमाउंट बन्नी को दिया और ऐसा उसके पास कोई रिकॉर्ड दर्ज नहीं हुआ।
फिर बन्नी को पैसा मिलते ही वह जिया से डिस्कनेक्टेड हो गया।
जिया ने उसके तीनों नंबर पर डायल कर चेक किया और उसकी डिटेल जाननी चाही, पर कुछ पता न चला।
जिया के होश उड़ गए। बाद में पुलिस जांच में जिया के फोन से बन्नी का एक वीडियो लिंक मिला और फिर उस लिंक से उसे ढूंढा गया।
जब एक साल बाद बन्नी को पकड़ा गया, तो बन्नी कोई और नहीं जिया का पड़ोसी ही निकला।
वही पड़ोसी जिसके क्रिकेट के ऑलराउंडर होने से लेकर शहर में भंडारा कराने या ब्लड डोनेशन कैंप लगवाने को लेकर काफी नाम सुना था। तिरछी नजरों से एक-दो बार आते-जाते देखा था, लेकिन कभी जिया की बन्नी से बात करने की हिम्मत नहीं हुई।
आज अखबार में उसकी फोटो और असली नाम बिरेंद्र खन्ना छपा था। इसी नाम से तो जानती थी जिया उसको। और देखो शक्ल कितनी बदल गई थी। बचपन में सलमान खान जैसा दिखने वाला बिरेंद्र न्यू हेयरकट, बीयर्ड लुक में विराट कोहली जैसा लगता। हफ्ते भर जिया के आंसू नहीं रुके। उसने तय किया कि वो अगले मंडे को बन्नी से मिलने डिस्ट्रिक्ट जेल जाएगी।
आज जिया ने बन्नी के गिफ्ट किए डायमंड टॉप्स, उसकी दी आईवॉच, उसकी गिफ्ट की ड्रेस पहनी। दो घंटे बाद विजिटर मीटिंग का नंबर आने के बाद जब जिया और बन्नी सामने थे तो बन्नी उससे नजरें नहीं मिला पा रहा था।
उसी ने हंसते हुए बातचीत शुरू की कि तुम पहली इंसान हो जो मुझे देखने आई हो। कोर्ट ले जाते समय तो मुझे लोगों ने पीटा था। जिया को याद आया कि दो दिन पहले ही तो बन्नी की खबर छपी थी कि लोगों ने उसके कपड़े फाड़कर मुंह पर कालिख पोत दी थी।
जिया शिकायतों का पिटारा खोले इससे पहले बन्नी ने कहा कि उसकी मॉम को लास्ट स्टेज कैंसर डिटेक्ट हुआ था। उसने बस उनको कुछ और महीने अपने साथ रखने की कोशिश की, लेकिन पैसा और मां कोई साथ नहीं रह सका।
फिर सरकार ने क्रिप्टो को लेकर रूल्स भी बदल दिए, जिसमें काफी सारा पैसा डूब गया। इतनी मुश्किल भरी आपबीती बताते हुए भी बन्नी का सेंस ऑफ ह्यूमर वैसा ही था। कोई कैसे अपने दुखों पर जोक्स क्रैक कर सकता है?
कितना मासूम है बन्नी और कितना अकेला हो गया है… यही सोचते हुए मीटिंग का टाइम खत्म हो गया था। जिया ने उसे मूंग दाल के हलवे का टिफिन पकड़ाया और आंखों में आंसू समेटे हुए वहां से निकल गई।
घर आते ही उसने अपने एडवोकेट फ्रेंड से बन्नी की बेल करवाने की बात की। लेकिन बेल के लिए जिया के पास पैसे नहीं थे। उसने मैकबुक, डायमंड टॉप्स बेचे और अपनी स्कूटी को गिरवी रखकर बेल के पेपर तैयार करवाए।
महीने भर बाद बन्नी खुली हवा में था। जिया उसे लेने नहीं जा पाई, लेकिन एडकोवेट ने उन दोनों की बात करा दी थी।
आज शाम पहली बार दोनों मिलने वाले थे। जिया ने बन्नी के लिए खाना बनाया और उसी क्रिकेट स्टेडियम के गेट पर पहुंच गई जहां उसने पहली बार बन्नी को क्रिकेट किट में देखा था। करीब आधे घंटे इंतजार करने के बाद जिया बेचैन होने लगी। तभी एक बच्चा दौड़ते हुए आया और उसे एक चिट्ठी पकड़ा गया, जिसमें लिखे लफ्जों पर जिया का यकीन करना मुश्किल था-
डियर जिया,
तुम इतनी भोली हो कि दो-दो बार बेवकूफ बन गई। आइंदा ऐसा मत करना। दुनिया बहुत फास्ट है और तुम बहुत स्लो और बिल्कुल सिंपल। मेरी किसी भी बात पर तुमको अब यकीन नहीं होगा, लेकिन सच मानो कि मैं बुरा इंसान नहीं हूं। मैं वैसा ही हूं, जैसा मुझे इस दुनिया ने बनने पर मजबूर किया। अपना ख्याल रखना और मुझे बस एक सबक की तरह याद रखना।
बन्नी
जिया को समझ नहीं आ रहा था कि वो कहां जाए…
– गीतांजलि
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