2 घंटे पहलेलेखक: मरजिया जाफर
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सर्द मौसम में प्यास कम लगती है। मौसम का पारा नीचे होने की वजह से शरीर को पानी की कमी का पता नहीं चल पाता है। बाहर भले ही ठंड हो लेकिन पानी की कमी की वजह से शरीर में दिक्कत शुरू हो जाती है।
जब व्यक्ति पानी नहीं पीता है तो उसका शरीर कई तरह की प्रतिक्रियाएं करता है। साथ ही बॉडी में कई तरह के बदलाव देखने को मिलते हैं। शरीर सही ढंग से काम करे, इसके लिए जरूरी है कि बॉडी में पानी की पर्याप्त मात्रा को बनाकर रखा जाए। आज जान जहान में डॉ. आर अचल से जानते हैं कि पानी का शरीर में क्या भूमिका है और यह बॉडी के फंक्शन को किस तरह प्रभावित करता है।
डिहाइड्रेशन
पर्याप्त पानी नहीं पीने का सबसे तात्कालिक असर डिहाइड्रेशन के रूप में देखने को मिलता है। डिहाइड्रेशन होने पर शरीर से पानी अधिक निकलता है। इससे बॉडी में इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो जाती है और बॉडी के कई फंक्शन ठीक से काम नहीं करते हैं। हल्के डिहाइड्रेशन में मुंह का सूखना, गहरे रंग का यूरिन पास होना जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं जबकि गंभीर होने पर चक्कर आना, बेहोशी, भ्रम और दिल की धड़कन तेज हो जाती है।
काम पर फोकस कम होना और कंफ्यूजन बढ़ना
माइल्ड डिहाइड्रेशन में भी चेतना के स्तर पर व्यक्ति का ब्रेन ठीक से काम नहीं करता है। उसका मूड बदलता रहता है। रिसर्च में सामने आया कि डिहाइड्रेशन से एकाग्रता घटती है, याददाश्त पर असर पड़ता है। एंग्जाइटी की फीलिंग्स और थकान बढ़ती है। असल में, शरीर में पानी की कमी होने की वजह से ब्रेन में ब्लड फ्लो धीमा हो जाता है जिससे दिमाग की काम करने की क्षमता प्रभावित होती है।
तेजी से थकावट
शरीर में पानी की कमी होने से व्यक्ति किसी काम को आसानी से नहीं कर पाता है। इससे फिजिकल परफॉर्मेंस पर असर पड़ता है। खासकर वर्कआउट और शरीरिक मेहनत के काम में शरीर को पानी की ज्यादा जरूरत होती है। बॉडी में पानी कीकमी होने से ब्लड वॉल्यूम कम होता है जिससे मांसपे
शियों तक ऑक्सीजन और न्यूट्रिएंट्स ठीक से नहीं पहुंच पाते। इसकी वजह से सहनशक्ति, ताकत और एथलेटिक परफॉर्मेंस में कमी आती है। साथ ही डिहाइड्रेशन से शारीरिक परिश्रम के दौरान मांसपेशियों में ऐंठन, गर्मी से थकावट और हीटस्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है।
डाइजेनशन में गड़बड़ी
पानी सिर्फ शरीर में नमी को बरकार नहीं रखता बल्कि खाना पचाने में भी उसका बड़ा रोल है। पानी पेट की सेहत को बनाए रखता है। पानी कम पीने की वजह से व्यक्ति कब्ज, अपच जैसी समस्याओं का शिकार हो जाता है। पानी पेट की गंदगी को बाहर करने और पेट की गतिविधि को सुचारु बनाए रखने में मदद करता है। अगर पर्याप्त मात्रा में पानी न पीया जाए तो स्टूल, यूरीन पास करने में दिक्कत आएगी और व्यक्ति गैस्ट्रिक, अल्सर सहित कई डाइजेस्टिव समस्याओं से घिर जाएगा। इसीलिए हेल्थ एक्सपर्ट सबको दिन भर में 2-3 लीटर पानी पीने की सलाह देते हैं।
बॉडी में पानी की पर्याप्त मात्रा को बनाकर रखना जरूरी है।
यूटीआई इंफेक्शन की वजह बनता कम पानी
यूरिनरी ट्रैक्ट हेल्थ और इंफेक्शन से बचने के लिए भी शरीर में पर्याप्त पानी की जरूरत होती है। जब व्यक्ति पानी कम पीता है तो यूरीन एसिडिक हो जाता है। इससे ब्लैडर और यूरेथ्रा में इरिटेशन होती है और यूरिनरी ट्रैक्ट में इंफेकनशन यानी यूटीआई की समस्या बढ़ जाती है। ज्यादा से ज्यादा पानी पीने से यूरिन के जरिए शरीर से जहरीला तत्व बाहर निकलता है और यूटीआई का जोखिम कम हो जाता है।
ग्राफिक्सः प्रेरणा झा
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