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Smart meter tells where electricity is being consumed more | स्मार्ट मीटर बताता, कहां बिजली अधिक लग रही: हर 15 मिनट पर बिजली खपत का मैसेज, सही इस्तेमाल का सुझाव भी देता

नई दिल्ली3 घंटे पहले

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हम सबके घरों में बिजली का मीटर स्मार्ट हो गया है। पहले के मीटर वैसे ही रीडिंग देते थे जैसे 20 साल पहले स्टेडियम में क्रिकेट का स्कोर बदलता था। अब स्मार्ट मीटर प्रीपेड मोबाइल की तरह काम करते हैं।

आपने जितने रुपए का रिचार्ज किया, उतनी ही बिजली की खपत कर पाएंगे। बल्ब, पंखा, कूलर, हीटर उतना ही चलेगा जितना कि खाते में पैसे होंगे।

बिजली कितनी देर और मिलेगी, इसे ट्रैक करने के लिए मोबाइल एप भी है। जितने पैसे, उतनी बिजली, खत्म होने से पहले मोबाइल पर अलर्ट मिलने लगेगा।

आज के ‘टेकअवे’ में जानते हैं कि ‘स्मार्ट मीटर’ कैसे काम करता है, कैसे ‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ ने इसे संभव बनाया है।

बिजली के पुराने मीटर में एक डिस्प्ले होता था जिसमें एक चक्कर पूरा होने पर डिजिट बदलता था। स्मार्ट मीटर में एलईडी ब्लिंक करता है। इसके ब्लिंक करने को ही कैलकुलेट किया जाता है। ये ग्रैफिक देखकर समझिए।

‘इंटरनेट ऑफ थिंग्स’ का कमाल है जो बताता है कि किन बिजली के उपकरणों का इस्तेमाल करना चाहिए या रिप्लेस करना चाहिए।

दिलचस्प यह है कि आप अपने मोबाइल पर जान पाते हैं कितने वॉट का बल्ब लगाना सही होगा या कौन सी नई टेक्नोलॉजी के पंखे लगाना सही है जिसमें कम बिजली लगती है।

2025 तक देश में 25 करोड़ से ज्यादा स्मार्ट मीटर इंस्टॉल करना सरकार का लक्ष्य है। कई राज्यों में यह काम तेजी से हो रहा है। स्मार्ट मीटर लगाने में बिहार सभी राज्यों में टॉप पोजिशन पर है।

बिहार देश का पहला राज्य है जिसने सबसे पहले 1,00,000 से अधिक स्मार्ट मीटर लगाए। अभी वहां करीब 25 लाख मीटर लगाए गए हैं।

ग्रैफिक्स: सत्यम परिडा

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