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This salt protects from diseases | ये नमक बीमारियों से बचाता है: गैस, ब्लोटिंग, सूजन, इन्फेक्शन से राहत पाएं, सिलबट्टे पर पीसकर बनाएं पहाड़ी नमक ‘पिस्यु लूण’

9 दिन पहले

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सफेद नमक, सेंधा नमक, काला नमक तो आपने जरूर खाया होगा। क्या कभी पहाड़ी नमक खाया है? उत्तराखंड का हरा नमक जितना टेस्टी है, उतना ही हेल्दी भी है।

डाइटीशियन और न्यूट्रिशनिस्ट शिल्पा मित्तल बताती हैं कि हरा लहसुन, पुदीना, हरा धनिया, हरी मिर्च, जीरा, अजवाइन, काला नमक पाचन दुरुस्त रखते हैं। गैस, ब्लोटिंग, सूजन की समस्या से राहत देते हैं और सीजनल इंफेक्शन से बचाते हैं।

नमक बना बिजनेस

उत्तराखंड के घर-घर में पहाड़ी नमक तैयार किया जाता है और इसे बड़े चाव से खाया जाता है। उत्तराखंड के टिहरी गढ़वाल की रहने वाली शशि रतूड़ी ने 10-12 महिलाओं के साथ मिलकर ‘नमकवाली’ नाम से बिजनेस शुरू किया और आज पहाड़ी नमक उनकी पहचान बन गया है।

पहाड़ी नमक जिसे ‘पिस्यु लूण’ कहते हैं, उत्तराखंड की महिलाओं को रोजगार दे रहा है। पहाड़ की महिलाएं सिलबट्टे पर नमक पीसकर ‘पहाड़ी नमक’ को देश-दुनिया तक पहुंचा रही हैं और इससे मुनाफा कमा रही हैं।

ये महिलाएं पहाड़ पर प्राकृतिक रूप से बनते नमक को तैयार कर रही हैं। ये महिलाएं फ्लेवर्ड नमक भी बनाती हैं, जैसे लहसुन वाला नमक, अदरक वाला नमक, भांग वाला नमक आदि। ये महिलाएं नमक को ऑर्डर के अनुसार तैयार करती हैं। 50 ग्राम, 100 ग्राम, 200 ग्राम के पैकेट्स में पैक कर लोगों तक पहुंचाती हैं।

पहाड़ी नमक बनाने की सामग्री

50 ग्राम लहसुन की पत्तियां

10 ग्राम हरा धनिया

10 ग्राम पुदीना

5 हरी मिर्च

1 टेबल स्पून भुना जीरा पाउडर

1 टी स्पून अजवाइन

5 टेबल स्पून नमक

2 टेबल स्पून काला नमक

1 टेबल स्पून हल्दी

पहाड़ी नमक बनाने की विधि

सभी सामग्री को सिलबट्टे पर पीसें। ये नमक सिलबट्टे पर पिसा जाता है, जिससे इसका टैक्स्चर दरदरा होता है, रंग और खुशबू भी अलग होती है।

सर्दियों में हरा लहसुन आसानी से मिल जाता है इसलिए इसका उपयोग कर सकते हैं। लेकिन जिस मौसम में हरा लहसुन न मिले, उस समय नमक में लहसुन की कलियां मिलाकर पीस सकते हैं।

पीसने के बाद नमक को धूप में 12-15 घंटे अच्छी तरह सुखाकर ड्राई करें और कांच के जार में स्टोर करें।

पहाड़ी नमक को रूम टेम्परेचर में रखें। इसे आप एक साल तक इस्तेमाल कर सकते हैं।

'नमकवाली' शशि रतूड़ी अपनी टीम की महिलाओं के साथ

‘नमकवाली’ शशि रतूड़ी अपनी टीम की महिलाओं के साथ

हरा लहसुन खाने के फायदे

पहाड़ी नमक में मिलाए जाने वाले हरे लहसुन में खास सल्फ्यूरिक कंपाउंड होते हैं, जिनसे कई हेल्थ बेनिफिट्स मिलते हैं। इसके एंटी इंफ्लेमेटरी गुण एंटीऑक्सिडेंट का काम करते हैं। सर्दियों में लहसुन खाने से सर्दी-फ्लू से बचाव होता है और हाई ब्लडप्रेशर, स्ट्रोक, कैंसर जैसी बड़ी बीमारियों को भी रोका जा सकता है।

सर्दियों में भोजन को स्वादिष्ट बनाने के लिए हरे लहसुन का उपयोग करें, इससे आप स्वाद और सेहत दोनों का लुत्फ उठा सकेंगे। शरीर में अंदरूनी या बाहरी घाव होने पर हरे लहसुन का सेवन जरूर करें। ताजे हरे लहसुन में एलिसिन होता है, जो एक पावरफुल कंपाउंड है। ये एंटीबायोटिक के रूप में काम करता और शरीर के बाहरी तथा अंदरूनी घावों को भरने में मदद करता है।

हरे धनिया का कमाल

धनिया एक बेहतरीन बॉडी बैलेंसर है। इसके रोजाना इस्तेमाल से आप मौसमी बीमारियों से बच सकते हैं। उन्होंने हमें ये अचूक नुस्खा बताया, जो सीजनल बीमारियों से बचाता है।

पुदीना दूर करे कोल्ड-कफ

पुदीना पाचन में मददगार है। कोल्ड और फ्लू की समस्या को दूर करने के लिए पुदीना का उपयोग फायदेमंद हो सकता है। पुदीना में पाया जाने वाला मेन्थॉल, बलगम को बाहर निकालने में मदद करता है। एंटीबैक्टीरियल, एंटीफंगल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर पुदीना स्किन प्रॉब्लम्स में हेल्पफुल है।

नमक-रोटी का स्वाद

घर में दाल या सब्जी नहीं बची है तो इस पहाड़ी नमक को दही में मिलाकर इसके साथ रोटी खा सकते हैं। दही भी नहीं है तो पहाड़ी नमक में नींबू डालकर इसे रोटी के साथ खाया जा सकता है।

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